हेलो दोस्तों स्वागत है हमारी नई पोस्ट में आज की पोस्ट में, मैं आपको बताऊंगा बासुंदी रेसिपी Basundi Recipe in hindi कैसे बनाते है और इसे बनाना भी बहुत ही आसान है। यह खाने में भी बहुत स्वादिष्ट है। आज हम आपको यह बताएँगे की मार्केट जैसी Basundi banane ki vidhi और इसे बनाने हम किस-किस सामग्री का उपयोग और Basundi ke fayde और इसके बारें में भी detail से जानेंगे। यह झटपट बनकर तैयार हो जाता है इसे बारीक कटे प्याज,और टमाटर के साथ बनाया जाता है अगर आप इस रेसिपी को स्टेप बाई स्टेप फॉलो करते हैं तो आप Basundi Recipe in Hindi बहुत आसानी से घर पर बना सकते हैं। इस रेसिपी के माध्यम से आप के समय की बचत तो होगी ही साथ ही साथ आपको एक स्वस्थ और पोषक (healthy and nutritious) सब्जी भी खाने को मिलेगी।
Basundi का संक्षिप्त परिचय
बासुंदी एक पारंपरिक भारतीय मिठाई है, जो मुख्य रूप से महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक जैसे राज्यों में लोकप्रिय है। यह गाढ़े दूध से तैयार की जाने वाली एक विशेष प्रकार की खीर है, जिसे धीमी आंच पर पकाकर दूध को गाढ़ा और मलाईदार बनाया जाता है। इसके स्वाद और खुशबू को बढ़ाने के लिए इसमें केसर, इलायची, और सूखे मेवे जैसे बादाम, पिस्ता, काजू और चारोली मिलाए जाते हैं। बासुंदी आमतौर पर त्योहारों, विवाहों और विशेष अवसरों पर बनाई जाती है और इसे ठंडा या हल्का गर्म दोनों तरीकों से परोसा जा सकता है। इसके साथ पूरियां खाने का भी चलन है, जो विशेषकर महाराष्ट्र और गुजरात में प्रचलित है।
बासुंदी बनाने की प्रक्रिया में दूध को धीमी आंच पर लगातार चलाते हुए पकाया जाता है ताकि वह जलने न पाए और दूध में एक मोटी और गाढ़ी बनावट आ जाए। इसमें चीनी मिलाने के बाद इसे और कुछ समय तक पकाया जाता है ताकि इसकी मिठास बढ़े और एक गाढ़ी मलाई जैसी स्थिरता प्राप्त हो। इलायची पाउडर और केसर के धागे मिलाने से बासुंदी में अनोखी खुशबू और हल्का पीला रंग आ जाता है, जो इसे और भी आकर्षक बनाता है। यह मिठाई स्वाद में तो लाजवाब होती ही है, साथ ही इसमें मिलने वाले पोषक तत्व भी इसे एक हेल्दी विकल्प बनाते हैं। दूध में कैल्शियम, प्रोटीन, और विटामिन होते हैं, जो हड्डियों को मजबूत करते हैं और शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं। बासुंदी में डाले गए मेवे न केवल इसे पौष्टिक बनाते हैं बल्कि इसका स्वाद भी बढ़ाते हैं।
बासुंदी का स्वाद जितना खास होता है, इसका सांस्कृतिक महत्व भी उतना ही महत्वपूर्ण है। विभिन्न अवसरों पर इसे मिठाई के रूप में परोसा जाता है, खासकर दिवाली, होली, और जन्माष्टमी जैसे त्योहारों पर। शादी-ब्याह में भी बासुंदी एक प्रिय मिठाई मानी जाती है। इसके अलावा, बासुंदी का सेवन खासकर गर्मियों में ठंडा करके करने का भी रिवाज है, जिससे इसे खाने का अनुभव और भी आनंददायक बन जाता है। इस मिठाई का हर बाइट मलाईदार, मीठा और सुगंधित होता है, जो हर उम्र के लोगों को पसंद आता है।
Basundi ke fayde
ऊर्जा का स्रोत – बासुंदी दूध से बनी होती है, जो कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा से भरपूर होती है। यह शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करती है, जिससे थकान और कमजोरी दूर होती है।
हड्डियों के लिए लाभकारी – बासुंदी में कैल्शियम की अच्छी मात्रा होती है, जो हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने में सहायक है। इसके नियमित सेवन से हड्डियों की मजबूती बनी रहती है।
विटामिन और मिनरल्स से भरपूर – दूध, केसर और सूखे मेवे मिलाकर बनाई गई बासुंदी में विटामिन ए, बी और डी के साथ-साथ पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स भी होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।
त्वचा के लिए लाभकारी – बासुंदी में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, खासकर जब इसमें केसर और इलायची मिलाई जाती है। इससे त्वचा में निखार आता है और यह त्वचा को स्वस्थ बनाए रखती है।
मस्तिष्क के लिए फायदेमंद – बासुंदी में बादाम, पिस्ता, और केसर का इस्तेमाल होता है, जो मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बढ़ाने और स्मरण शक्ति में सुधार करने में सहायक होते हैं।
पाचन में सहायक – बासुंदी में इलायची और केसर का उपयोग किया जाता है, जो पाचन तंत्र को मजबूत करने में सहायक होते हैं। इलायची पाचन में मदद करती है और पेट में गैस व अपच की समस्या को दूर करती है।
इम्यूनिटी बूस्टर – सूखे मेवे और दूध के पोषक तत्व बासुंदी को एक अच्छा इम्यूनिटी बूस्टर बनाते हैं। इसके सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है, जिससे सर्दी-खांसी जैसी बीमारियों से बचाव होता है।
हृदय स्वास्थ्य में सहायक – बासुंदी में पोटेशियम होता है, जो रक्तचाप को नियंत्रित रखने और हृदय को स्वस्थ रखने में सहायक होता है।
खून की कमी दूर करने में सहायक – बासुंदी में आयरन होता है, जो शरीर में खून की कमी को पूरा करने में सहायक होता है। इसके अलावा, केसर का सेवन खून बढ़ाने में मददगार साबित होता है।
मूड को बेहतर बनाता है – बासुंदी का स्वाद मीठा और खुशबूदार होता है, जो मन को प्रसन्न करता है और तनाव को कम करने में सहायक है।
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बासुंदी रेसिपी| Basundi recipe in hindi
Ingredients
बासुंदी के लिए सामग्री
- दूध – 1 लीटर फुल क्रीम दूध
- चीनी – 1/4 कप स्वाद अनुसार
- केसर – 8-10 धागे थोड़े गर्म दूध में भिगो दें
- इलायची पाउडर – 1/2 चम्मच
- बादाम – 8-10 बारीक कटे हुए
- पिस्ता – 8-10 बारीक कटे हुए
- काजू – 8-10 बारीक कटे हुए
- चारोली – 1 चम्मच वैकल्पिक, सजावट के लिए
Instructions
बनाने की विधि
- एक गहरी तली वाले बर्तन में दूध डालें और उसे मीडियम आंच पर गरम करना शुरू करें। दूध को बीच-बीच में चलाते रहें ताकि वह बर्तन में चिपके नहीं।
- जब दूध में उबाल आने लगे, तब आंच को धीमा कर दें। इसे धीमी आंच पर 40-45 मिनट तक पकने दें और लगातार चलाते रहें। दूध को तब तक पकाएं जब तक कि वह अपनी मात्रा का आधा रह जाए और गाढ़ा हो जाए।
- अब दूध में भीगे हुए केसर के धागे और इलायची पाउडर डालें। इससे बासुंदी में हल्का पीला रंग और खुशबू आएगी।
- चीनी डालें और अच्छे से मिलाएं। चीनी डालने के बाद बासुंदी को 5-10 मिनट तक और पकाएं ताकि चीनी पूरी तरह घुल जाए और उसका स्वाद बासुंदी में अच्छे से मिल जाए।
- कटे हुए बादाम, पिस्ता, काजू और चारोली को दूध में डालें और अच्छे से मिलाएं। इसे 2-3 मिनट के लिए पकाएं ताकि मेवों का स्वाद दूध में अच्छे से घुल जाए।
- बासुंदी को कमरे के तापमान पर ठंडा करें और फिर फ्रिज में ठंडा होने के लिए रख दें। ठंडी बासुंदी का स्वाद सबसे अच्छा होता है।
- ठंडा होने के बाद बासुंदी को कटे हुए मेवों और केसर से सजाकर परोसें।
Video
Notes
- बासुंदी को धीमी आंच पर पकाना चाहिए ताकि दूध का स्वाद और गाढ़ापन सही से आए। तेज आंच पर पकाने से दूध जल सकता है।
- दूध को बार-बार चलाते रहें ताकि वह बर्तन में चिपके नहीं और बासुंदी का स्वाद खराब न हो।
- अगर आप बासुंदी जल्दी बनाना चाहते हैं, तो इसमें थोड़ा कंडेंस्ड मिल्क भी डाल सकते हैं। इससे बासुंदी जल्दी गाढ़ी हो जाएगी।
- केसर को थोड़ा गरम दूध में भिगोकर डालें ताकि इसका रंग और स्वाद अच्छे से बासुंदी में मिल जाए।
- चीनी को अपने स्वाद के अनुसार डालें। आप चाहें तो इसमें शहद या गुड़ का भी उपयोग कर सकते हैं।
FAQ
Basundi क्या है?
बासुंदी एक पारंपरिक भारतीय मिठाई है जो गाढ़े दूध में चीनी और सूखे मेवे मिलाकर बनाई जाती है। यह महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक में विशेष रूप से लोकप्रिय है।
Basundi को गाढ़ा बनाने में कितना समय लगता है?
बासुंदी को गाढ़ा बनाने के लिए 45 मिनट से 1 घंटे तक का समय लग सकता है, क्योंकि इसे धीमी आंच पर पकाकर दूध को गाढ़ा करना पड़ता है।
क्या Basundi में कंडेंस्ड मिल्क का उपयोग किया जा सकता है?
हां, कंडेंस्ड मिल्क का उपयोग करने से बासुंदी जल्दी और गाढ़ी बनती है, साथ ही मिठास भी बढ़ जाती है।
Basundi में किस प्रकार के सूखे मेवे डाल सकते हैं?
आप बासुंदी में बादाम, पिस्ता, काजू और चारोली का उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा, काजू और किशमिश डालकर भी इसे और स्वादिष्ट बना सकते हैं।
क्या Basundi को ठंडा या गर्म परोसा जा सकता है?
बासुंदी को ठंडा या हल्का गर्म दोनों ही तरह से परोसा जा सकता है, लेकिन इसे ठंडा करके खाने का विशेष आनंद है।
क्या Basundi में केसर का उपयोग करना जरूरी है?
केसर का उपयोग करना जरूरी नहीं है, लेकिन केसर बासुंदी को विशेष रंग और खुशबू देता है। इसके बिना भी बासुंदी बनाई जा सकती है।
क्या Basundi को अगले दिन तक स्टोर कर सकते हैं?
हां, बासुंदी को फ्रिज में रखकर 2-3 दिनों तक सुरक्षित रखा जा सकता है। खाने से पहले इसे हल्का गरम किया जा सकता है।
Basundi को गाढ़ा करने का सबसे अच्छा तरीका क्या है?
बासुंदी को धीमी आंच पर लगातार चलाते हुए पकाना सबसे अच्छा तरीका है, जिससे दूध गाढ़ा हो जाता है और इसका स्वाद बढ़ता है।