बूंदी लड्डू एक प्रसिद्ध भारतीय मिठाई है, जो खासतौर पर त्योहारों और शुभ अवसरों पर बनाई जाती है। यह लड्डू छोटे-छोटे बेसन के मोतियों (बूंदी) से तैयार किया जाता है, जिन्हें चीनी की चाशनी में डुबोकर गोल आकार दिया जाता है| मैं आपको बताऊंगा बूंदी लड्डू रेसिपी Boondi ladoo Recipe in hindi कैसे बनाते है और इसे बनाना भी बहुत ही आसान है। यह खाने में भी बहुत स्वादिष्ट है। आज हम आपको यह बताएँगे की मार्केट जैसी Boondi ladoo banane ki vidhi और इसे बनाने हम किस-किस सामग्री का उपयोग और Boondi ladoo ke fayde और इसके बारें में भी detail से जानेंगे। यह झटपट बनकर तैयार हो जाता है छोटे-छोटे बेसन के मोतियों (बूंदी) से तैयार किया जाता है, जिन्हें चीनी की चाशनी में डुबोकर गोल आकार दिया जाता है। बूंदी लड्डू का स्वाद मीठा और खुशबूदार होता है, और इसे बनाने में घी, इलायची, और कभी-कभी सूखे मेवे भी डाले जाते हैं। इसे गणेश चतुर्थी, दिवाली, शादी या किसी भी खास मौके पर बनाया जाता है। घर पर ताज़ा और शुद्ध बूंदी लड्डू बनाना आसान होता है और इसका स्वाद हर किसी को पसंद आता है। अगर आप इस रेसिपी को स्टेप बाई स्टेप फॉलो करते हैं तो आप Boondi ladoo Recipe in Hindi बहुत आसानी से घर पर बना सकते हैं। इस रेसिपी के माध्यम से आप के समय की बचत तो होगी ही साथ ही साथ आपको एक स्वस्थ और पोषक (healthy and nutritious) सब्जी भी खाने को मिलेगी।
Boondi ladoo का संक्षिप्त परिचय
बूंदी लड्डू एक प्रसिद्ध भारतीय मिठाई है, जो विशेषकर त्योहारों, धार्मिक अनुष्ठानों और शादी-ब्याह के अवसरों पर बनाई जाती है। इसका इतिहास भारत की प्राचीन मिठाइयों में से एक माना जाता है और यह पूरे भारत में अपनी मिठास और अनोखे स्वाद के कारण लोकप्रिय है। बूंदी लड्डू का नाम “बूंदी” शब्द से आया है, जिसका अर्थ छोटे-छोटे गोल आकार की बूंदों से है। बेसन (चना दाल का आटा) से बनी यह मिठाई अपने खस्ता और हल्की बनावट के लिए जानी जाती है। बूंदी लड्डू को भारत में विभिन्न प्रकार से बनाया जाता है, जैसे साधारण बूंदी लड्डू, मोतीचूर लड्डू, और मेवों से भरे विशेष लड्डू, जो स्वाद में थोड़े अलग होते हैं लेकिन मिठास और बनावट में समान होते हैं।
बूंदी लड्डू बनाने की प्रक्रिया अत्यंत रोचक और पारंपरिक है। इसे बनाने के लिए बेसन का पतला घोल तैयार किया जाता है, जिसे छोटे-छोटे छेद वाले झारे से तेल या घी में तला जाता है। इस प्रक्रिया में बेसन की छोटी-छोटी बूंदे बनती हैं, जिन्हें “बूंदी” कहते हैं। बूंदी को फिर चीनी की चाशनी में डाला जाता है, जिससे ये छोटे-छोटे मोती मिठास से भर जाते हैं। इसके बाद इन्हें ठंडा करके लड्डू का आकार दिया जाता है। कुछ जगहों पर इसे इलायची पाउडर और केसर के साथ भी बनाया जाता है, जो इसकी खुशबू और स्वाद को और बढ़ाता है। इसके अलावा, सजावट के लिए इसमें कटे हुए पिस्ता, बादाम, और कभी-कभी चांदी का वर्क भी लगाया जाता है।
बूंदी लड्डू केवल स्वाद में ही नहीं, बल्कि सेहत के लिए भी लाभकारी होते हैं। बेसन में प्रोटीन और फाइबर की मात्रा होती है, जो पाचन में सहायक होते हैं। घी में बने होने के कारण यह ऊर्जा का एक अच्छा स्रोत है और सर्दियों में शरीर को गर्माहट देने में भी सहायक माना जाता है। बूंदी लड्डू का धार्मिक महत्व भी है; यह प्रसाद के रूप में भगवान को अर्पित किया जाता है, और मंदिरों में भी विशेष रूप से बांटा जाता है। इसकी मिठास और शुद्धता इसे हर भारतीय के दिल के करीब लाती है।
Boondi ladoo ke fayde
ऊर्जा का अच्छा स्रोत: बूंदी लड्डू में चीनी और बेसन होता है, जो तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है। यह शरीर को थकान से राहत देने में सहायक होता है, खासकर त्योहारों और विशेष अवसरों पर ऊर्जा के लिए इसे खाया जाता है।
पाचन में सहायक: बूंदी लड्डू में बेसन का इस्तेमाल होता है, जो पाचन को सुधारने में मदद करता है। यह पेट की समस्याओं जैसे कब्ज और अपच से राहत दिलाने में फायदेमंद हो सकता है।
शक्ति और मजबूती: बूंदी लड्डू में घी का उपयोग होता है, जो शरीर को मजबूती देने में सहायक है। घी स्वस्थ वसा का स्रोत है, जो जोड़ों की मजबूती और मांसपेशियों की सेहत के लिए फायदेमंद है।
सर्दियों में विशेष लाभकारी: बूंदी लड्डू को सर्दियों में खाने से शरीर को अंदर से गर्मी मिलती है। घी और बेसन के कारण यह सर्दियों में शरीर की गर्माहट बनाए रखने में सहायक होता है।
दिल के लिए फायदेमंद: घी में अच्छे वसा होते हैं, जो दिल के स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं। घी में उपस्थित स्वस्थ फैटी एसिड्स दिल को स्वस्थ रखते हैं, बशर्ते इसे संतुलित मात्रा में खाया जाए।
वजन बढ़ाने में सहायक: बूंदी लड्डू में कैलोरी की मात्रा अधिक होती है, जिससे यह वजन बढ़ाने में सहायक होता है। पतले लोगों या वजन बढ़ाने की कोशिश कर रहे लोगों के लिए यह एक पोषक मिठाई है।
प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है: बूंदी लड्डू में मौजूद घी और बेसन शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में मदद करते हैं, जिससे रोगों से लड़ने की शक्ति बढ़ती है।
हड्डियों को मजबूत बनाता है: घी में मौजूद कैल्शियम और फास्फोरस हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक होते हैं। बूंदी लड्डू का सेवन हड्डियों की मजबूती के लिए फायदेमंद होता है।
मानसिक शांति: बूंदी लड्डू में शक्कर और घी का संयोजन होता है, जो मूड को बेहतर करने में सहायक हो सकता है। इसका सेवन करने से मन प्रसन्न और शांत महसूस कर सकता है।
त्वचा के लिए फायदेमंद: घी में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो त्वचा की नमी बनाए रखने और इसे स्वस्थ रखने में सहायक होते हैं। बूंदी लड्डू का सीमित सेवन त्वचा में निखार लाने में मदद कर सकता है।
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बूंदी लड्डू रेसिपी| Boondi ladoo recipe in hindi
Ingredients
सामग्री:
- बेसन चना दाल का आटा – 1 कप
- पानी – 1/2 कप घोल बनाने के लिए
- चीनी – 1 कप
- पानी – 1/2 कप चाशनी के लिए
- इलायची पाउडर – 1/2 छोटी चम्मच
- केसर – 5-6 धागे वैकल्पिक
- बेकिंग सोडा – एक चुटकी
- घी या तेल – तलने के लिए
- कटे हुए पिस्ता और बादाम – 2 बड़े चम्मच सजावट के लिए
Instructions
विधि:
- सबसे पहले, बेसन को छलनी से छान लें ताकि उसमें कोई गांठ न रहे। अब इसमें थोड़ा-थोड़ा पानी डालते हुए पतला और चिकना घोल तैयार करें। घोल में बेकिंग सोडा मिलाएं और इसे अच्छी तरह फेंटें ताकि घोल फूल जाए।
- एक गहरे कड़ाही में घी या तेल गरम करें। जब तेल अच्छी तरह से गरम हो जाए, तब एक झारे (छेद वाले चम्मच) का उपयोग करें और उसमें बेसन का घोल डालें। घोल से छोटे-छोटे बूंदी के मोती बनते हैं, जो तेल में गिरते ही फूलने लगते हैं। इन्हें हल्का सुनहरा होने तक तलें और फिर निकालकर एक पेपर टॉवल पर रखें ताकि अतिरिक्त तेल निकल जाए। इसी तरह सारी बूंदी तैयार कर लें।
- एक अलग पैन में चीनी और पानी डालें और उसे गरम करें। जब चीनी पूरी तरह घुल जाए, तब इसे 5-7 मिनट तक उबालें ताकि एक तार की चाशनी तैयार हो जाए। चाशनी में केसर और इलायची पाउडर डालकर अच्छी तरह मिलाएं।
- तली हुई बूंदी को चाशनी में डालें और इसे अच्छी तरह से मिलाएं ताकि सभी बूंदी में चाशनी अच्छी तरह से मिल जाए। इसे कुछ समय के लिए छोड़ दें ताकि बूंदी चाशनी को अच्छे से सोख ले।
- जब बूंदी हल्की ठंडी हो जाए और चाशनी को अच्छी तरह से सोख ले, तब इसे हाथ से गोल-गोल लड्डू के आकार में बांधें। सभी लड्डू बन जाने के बाद इसे कटे हुए बादाम और पिस्ता से सजाएं।
- बूंदी के लड्डू तैयार हैं। इन्हें तुरंत परोस सकते हैं या एयरटाइट डिब्बे में रख सकते हैं। ये लड्डू 5-7 दिनों तक ताज़ा बने रहते हैं।
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Notes
- लड्डू के लिए एक तार की चाशनी बनानी चाहिए। अगर चाशनी बहुत गाढ़ी होगी तो बूंदी ठीक से नहीं सोखेगी, और बहुत पतली होगी तो लड्डू बांधने में मुश्किल होगी।
- बूंदी को तलते समय ध्यान रखें कि घोल का सही स्थिरता हो। अगर घोल बहुत पतला होगा तो बूंदी बहुत छोटी बनेगी और अगर मोटा होगा तो बूंदी बहुत बड़ी बनेगी। घोल में बेकिंग सोडा मिलाने से बूंदी हल्की और फूली हुई बनती है।
- लड्डू को आकर्षक बनाने के लिए आप इसके ऊपर चांदी का वर्क भी लगा सकते हैं, जो खास अवसरों पर बहुत अच्छा लगता है।
- बूंदी को धीमी-मध्यम आंच पर तलें ताकि वह अच्छी तरह से कुरकुरी और हल्की सुनहरी बने। अधिक तेज आंच पर तलने से बूंदी का स्वाद प्रभावित हो सकता है।
FAQ
Boondi ladoo क्या है?
बूंदी लड्डू एक पारंपरिक भारतीय मिठाई है जो बेसन (चने के आटे) से बनी बूंदी से तैयार की जाती है। बूंदी को चाशनी में मिलाकर गोल आकार में बांधकर लड्डू बनाए जाते हैं।
Boondi ladoo में कौन-कौन से पोषक तत्व होते हैं?
बूंदी लड्डू में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फैट, और शुगर होते हैं। घी और बेसन से बने ये लड्डू ऊर्जा देने में सहायक होते हैं और फाइबर की थोड़ी मात्रा भी प्रदान करते हैं।
Boondi ladoo किसके साथ सर्व किया जा सकता है?
बूंदी लड्डू को अकेले या गर्म दूध के साथ खाया जा सकता है। कुछ लोग इसे भोजन के बाद मिठाई के रूप में पसंद करते हैं।
Boondi ladoo कब खाए जाते हैं?
बूंदी लड्डू का सेवन विशेष अवसरों पर जैसे त्योहारों (दिवाली, जन्माष्टमी), धार्मिक आयोजनों, और शादी-विवाह में किया जाता है। यह पूजा-पाठ में भी प्रसाद के रूप में दिया जाता है।
Boondi ladoo को स्टोर कैसे किया जा सकता है?
बूंदी लड्डू को सूखे, एयरटाइट कंटेनर में रखा जा सकता है। यह सामान्यतः 7-10 दिनों तक ताजा रह सकते हैं, लेकिन इन्हें ठंडी जगह पर रखना बेहतर होता है।