मटर कचौड़ी एक स्वादिष्ट और कुरकुरी भारतीय स्नैक है, जिसे मुख्य रूप से ठंड के मौसम में पसंद किया जाता है। यह उत्तर भारत की लोकप्रिय कचौड़ी में से एक है, जिसे मसालेदार हरे मटर के भरावन के साथ बनाया जाता है। यह कचौड़ी बाहर से कुरकुरी होती है और अंदर से मसालों से भरपूर मुलायम स्टफिंग होती है, जो इसके स्वाद को बेहतरीन बनाती है। इसे आमतौर पर नाश्ते या चाय के समय हरी चटनी, मीठी चटनी या आलू की सब्जी के साथ परोसा जाता है। मटर कचौड़ी रेसिपी | Green Peas Kachori recipe in hindi कैसे बनाते है और इसे बनाना भी बहुत ही आसान है। यह खाने में भी बहुत स्वादिष्ट है। आज हम आपको यह बताएँगे की मार्केट जैसी Green Peas Kachori banane vidhi और इसे बनाने हम किस-किस सामग्री का उपयोग और Green Peas Kachori ke fayde और इसके बारें में भी detail से जानेंगे।
मटर कचौड़ी का स्वाद हल्का तीखा और चटपटा होता है, जिसमें सौंफ, धनिया, हरी मिर्च और गरम मसाले का शानदार मेल होता है। यह न केवल घर पर आसानी से बनाई जा सकती है बल्कि त्योहारों, खास मौकों और पार्टीज़ में भी परोसी जाती है। अगर आप कुछ अलग और स्वादिष्ट खाना चाहते हैं, तो मटर कचौड़ी एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है।
Green Peas Kachori का संक्षिप्त परिचय
मटर कचौड़ी एक लोकप्रिय भारतीय व्यंजन है, जिसे विशेष रूप से सर्दियों के मौसम में बनाया जाता है। यह कुरकुरी, मसालेदार और स्वादिष्ट कचौड़ी उत्तर भारत की प्रसिद्ध डिशों में से एक है, जिसे ब्रेकफास्ट, स्नैक्स या त्योहारों के दौरान बनाया जाता है। मटर कचौड़ी को गरमागरम चाय, हरी चटनी, मीठी इमली की चटनी या आलू की मसालेदार सब्जी के साथ परोसा जाता है, जिससे इसका स्वाद और भी लाजवाब हो जाता है। यह पारंपरिक कचौड़ी गेहूं या मैदे के आटे से बनाई जाती है और इसमें मसालों से भरपूर हरे मटर की स्टफिंग भरी जाती है, जो इसे बाकी कचौड़ियों से अलग और खास बनाती है।
इस कचौड़ी की खासियत इसकी कुरकुरी बाहरी परत और अंदर की मुलायम, मसालेदार मटर की भरावन है। इसे बनाने के लिए हरे मटर को हल्के मसालों के साथ भूनकर तैयार किया जाता है, जिसमें धनिया, सौंफ, गरम मसाला, हींग और हरी मिर्च का जबरदस्त मेल होता है। इसके बाद इस मिश्रण को आटे में भरकर डीप फ्राई किया जाता है, जिससे यह सुनहरी और कुरकुरी बनती है। इस प्रक्रिया में आंच का विशेष ध्यान रखना जरूरी होता है, क्योंकि सही तापमान पर तलने से कचौड़ी अच्छी तरह से फूलती है और अंदर से पूरी तरह से पक जाती है।
मटर कचौड़ी का स्वाद हल्का तीखा और चटपटा होता है, जो इसे बाकी कचौड़ियों से अलग बनाता है। यह खासतौर पर उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में बहुत प्रसिद्ध है। कई जगहों पर इसे अलग-अलग तरीकों से बनाया जाता है—कुछ लोग इसे तली हुई कचौड़ी के रूप में पसंद करते हैं, तो कुछ इसे बेक करके हेल्दी विकल्प के रूप में भी तैयार करते हैं। इसके अलावा, मटर कचौड़ी की स्टफिंग को बदलकर कई तरह के स्वादों के साथ एक्सपेरिमेंट भी किया जा सकता है, जैसे कि इसमें आलू, पनीर या सूखे मेवे मिलाकर नया ट्विस्ट दिया जा सकता है।
Green Peas Kachori ke fayde
मटर कचौड़ी एक स्वादिष्ट और लोकप्रिय भारतीय व्यंजन है, जो न केवल स्वाद में बेहतरीन होती है बल्कि इसमें कुछ पोषण संबंधी लाभ भी होते हैं। हालांकि यह डीप फ्राई की जाती है, फिर भी इसकी भरावन में इस्तेमाल किए गए हरे मटर और मसाले कई तरह के स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते हैं। आइए जानते हैं मटर कचौड़ी खाने के कुछ प्रमुख फायदे—
1. फाइबर से भरपूर होती है
हरे मटर में उच्च मात्रा में डायटरी फाइबर पाया जाता है, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है। यह कब्ज को दूर करने और पेट की समस्याओं को कम करने में सहायक होता है।
2. ऊर्जा प्रदान करती है
मटर कचौड़ी में मौजूद कार्बोहाइड्रेट और हेल्दी फैट्स शरीर को तुरंत ऊर्जा देने का काम करते हैं। यह खासतौर पर नाश्ते या शाम के स्नैक के रूप में खाने के लिए अच्छा विकल्प हो सकता है।
3. प्रोटीन का अच्छा स्रोत
हरे मटर में प्रोटीन अच्छी मात्रा में होता है, जो मांसपेशियों की मजबूती और शरीर की वृद्धि के लिए जरूरी होता है। खासकर, शाकाहारी लोगों के लिए यह एक बढ़िया प्रोटीन विकल्प हो सकता है।
4. शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है
हरे मटर में मौजूद विटामिन C और एंटीऑक्सिडेंट्स शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत करने में मदद करते हैं, जिससे बीमारियों से लड़ने की ताकत बढ़ती है।
5. हड्डियों को मजबूत बनाती है
हरे मटर में कैल्शियम और विटामिन K मौजूद होते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में सहायक होते हैं और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याओं से बचाव कर सकते हैं।
6. दिल के लिए फायदेमंद
हरे मटर में फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखते हैं और हृदय रोगों के खतरे को कम करने में मदद कर सकते हैं।
7. वजन बढ़ाने में सहायक
अगर किसी को हेल्दी तरीके से वजन बढ़ाने की जरूरत है, तो मटर कचौड़ी एक अच्छा विकल्प हो सकती है, क्योंकि यह कैलोरी और कार्ब्स से भरपूर होती है।
8. सर्दियों में गर्माहट देती है
मटर कचौड़ी खासतौर पर ठंड के मौसम में बनाई जाती है, क्योंकि इसमें मौजूद मसाले और तली हुई परत शरीर को गर्म रखने में मदद करती है।
9. स्वादिष्ट और पेट भरने वाली
मटर कचौड़ी स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पेट भरने वाली होती है, जिससे यह एक बढ़िया स्नैक या ब्रेकफास्ट ऑप्शन बन जाती है, खासकर जब इसे चटनी या आलू की सब्जी के साथ खाया जाए।
10. मूड को अच्छा बनाती है
स्वादिष्ट और चटपटी मटर कचौड़ी खाने से मूड बेहतर होता है, क्योंकि इसमें मौजूद कार्बोहाइड्रेट सिरोटोनिन हार्मोन को बढ़ाने में मदद करता है, जिससे खुशी महसूस होती है।
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मटर कचौड़ी रेसिपी| Green Peas Kachori Recipe in hindi
Ingredients
मटर कचौड़ी बनाने की सामग्री
- 2 कप मैदा All-purpose flour
- 2 टेबलस्पून घी या तेल मोयन के लिए
- ½ टीस्पून नमक
- ½ टीस्पून अजवाइन
- पानी गूंधने के लिए
- मटर की स्टफिंग के लिए:
- 1 कप हरे मटर दरदरे पीसे हुए
- 1 टीस्पून तेल
- ½ टीस्पून सौंफ
- ½ टीस्पून जीरा
- 1 टीस्पून हरी मिर्च-अदरक का पेस्ट
- ½ टीस्पून हल्दी पाउडर
- ½ टीस्पून धनिया पाउडर
- ½ टीस्पून गरम मसाला
- ½ टीस्पून अमचूर पाउडर
- ½ टीस्पून चाट मसाला
- नमक स्वादानुसार
- 1 टीस्पून हरा धनिया कटा हुआ
- तलने के लिए तेल
Instructions
मटर कचौड़ी बनाने की विधि
- एक बर्तन में मैदा, नमक, अजवाइन और घी डालें और अच्छी तरह मिलाएं।
- घी को हाथों से अच्छे से मिक्स करें, ताकि आटे में मोयन अच्छे से मिल जाए।
- अब थोड़ा-थोड़ा पानी डालकर मुलायम आटा गूंध लें और इसे 20-30 मिनट के लिए ढककर रख दें।
- एक पैन में तेल गरम करें, फिर उसमें जीरा और सौंफ डालें।
- अब हरी मिर्च-अदरक का पेस्ट डालकर 30 सेकंड तक भूनें।
- अब पिसे हुए हरे मटर डालें और इसे मध्यम आंच पर 3-4 मिनट तक भूनें।
- इसमें हल्दी, धनिया पाउडर, गरम मसाला, अमचूर पाउडर, चाट मसाला और नमक डालकर अच्छे से मिलाएं।
- स्टफिंग को धीमी आंच पर 5-7 मिनट तक भूनें, जब तक यह सूखी न हो जाए।
- आखिर में कटा हुआ हरा धनिया डालें और स्टफिंग को ठंडा होने दें।
- आटे की छोटी-छोटी लोइयां बना लें।
- हर लोई को हल्का बेलकर उसमें 1-2 टीस्पून मटर की स्टफिंग रखें।
- लोई को चारों ओर से मोड़कर बंद करें और हल्के हाथ से दबाकर गोल आकार दें।
- कचौड़ी को बहुत ज्यादा पतला न बेलें, हल्का मोटा रखें।
- एक कढ़ाई में तेल गरम करें और मीडियम आंच पर कचौड़ियों को तलें।
- धीमी आंच पर तलने से कचौड़ी अच्छी तरह फूलती है और खस्ता बनती है।
- जब कचौड़ियाँ सुनहरी हो जाएं, तो इन्हें निकालकर टिशू पेपर पर रखें।
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Notes
- अगर आटा बहुत टाइट होगा, तो कचौड़ी सख्त बन सकती है, और ज्यादा नरम होगा, तो तलते समय फट सकती है।
- मटर की स्टफिंग को अच्छे से भूनें, ताकि उसमें नमी न रहे, वरना कचौड़ी तलते समय फट सकती है।
- तेज आंच पर तलने से कचौड़ी बाहर से ब्राउन हो जाएगी लेकिन अंदर से कच्ची रह सकती है।
- गरम स्टफिंग भरने से आटा पसीज सकता है और कचौड़ी सही आकार में नहीं आएगी।
FAQ
Green Peas Kachori के लिए कौन सा आटा सबसे अच्छा होता है?
मटर कचौड़ी बनाने के लिए मैदा (All-purpose flour) का उपयोग किया जाता है, जिससे यह ज्यादा खस्ता बनती है। आप इसे हेल्दी बनाने के लिए मैदे और गेहूं के आटे का मिश्रण भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
मटर की स्टफिंग क्यों गीली हो जाती है?
अगर मटर की स्टफिंग सही से नहीं भूनी जाती या उसमें ज्यादा पानी होता है, तो यह गीली हो जाती है। इसे अच्छी तरह से भूनें, ताकि स्टफिंग पूरी तरह से सूखी हो और कचौड़ी फटने का खतरा न हो।
क्या Green Peas Kachori को पहले से बनाकर स्टोर किया जा सकता है?
हां, मटर कचौड़ी को 2-3 दिन तक एयरटाइट कंटेनर में स्टोर किया जा सकता है। इसे दोबारा गर्म करने के लिए ओवन या तवे का इस्तेमाल करें, जिससे यह क्रिस्पी बनी रहे।
क्या Green Peas Kachori को बेक करके बनाया जा सकता है?
हां, अगर आप इसे हेल्दी बनाना चाहते हैं, तो इसे 180°C पर 20-25 मिनट तक ओवन में बेक कर सकते हैं। हालांकि, डीप फ्राई करने से इसका स्वाद और बनावट ज्यादा अच्छी आती है।
Green Peas Kachori को और अधिक स्वादिष्ट बनाने के लिए क्या किया जा सकता है?
स्टफिंग में थोड़ा पिसा हुआ नारियल, किशमिश या कटा हुआ काजू डाल सकते हैं। इससे कचौड़ी का स्वाद और भी मजेदार हो जाता है।