जलेबी रेसिपी| Homemade Jalebi recipe in hindi

जलेबी एक लोकप्रिय भारतीय मिठाई है, जो खासकर त्योहारों और खास अवसरों पर बनाई जाती है। यह स्वाद में मीठी, कुरकुरी और नरम होती है, जो किसी भी अवसर को खास बना देती है। जलेबी को खासतौर पर चाशनी में डुबोकर तैयार किया जाता है, जो इसे एक मीठा और लाजवाब स्वाद देता है। इसे बनाने के लिए मैदा, तेल, और चाशनी की आवश्यकता होती है। जलेबी बनाने के लिए सबसे पहले एक घोल तैयार किया जाता है, जिसे बाद में गरम तेल में सुनहरा और कुरकुरा होने तक तला जाता है। तली हुई जलेबियों को फिर गरम चाशनी में डुबोकर सर्व किया जाता है। यह मिठाई न केवल भारतीय घरों में, बल्कि बड़े होटल्स और मिठाई दुकानों में भी बेहद लोकप्रिय है। जलेबी का आनंद गरमागरम, ताजगी में ही लिया जाता है, जो हर किसी को पसंद आता है।

जलेबी रेसिपी Jalebi Recipe in hindi कैसे बनाते है और इसे बनाना भी बहुत ही आसान है। यह खाने में भी बहुत स्वादिष्ट है। आज हम आपको यह बताएँगे की मार्केट जैसी Jalebi banane ki vidhi और इसे बनाने हम किस-किस सामग्री का उपयोग और Jalebi ke fayde और इसके बारें में भी detail से जानेंगे। यह झटपट बनकर तैयार हो जाता है| अगर आप इस रेसिपी को स्टेप बाई स्टेप फॉलो करते हैं तो आप Jalebi Recipe in Hindi बहुत आसानी से घर पर बना सकते हैं। इस रेसिपी के माध्यम से आप के समय की बचत तो होगी ही साथ ही साथ आपको एक स्वस्थ और पोषक (healthy and nutritious) सब्जी भी खाने को मिलेगी।

Jalebi का संक्षिप्त परिचय

जलेबी भारतीय मिठाइयों में सबसे लोकप्रिय और प्रसिद्ध मिठाई है, जो अपनी कुरकुरी और मीठी बनावट के कारण बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी की पसंदीदा है। यह पारंपरिक मिठाई भारत के हर राज्य में अलग-अलग नाम और शैली के साथ बनाई जाती है, जैसे उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, और गुजरात में खास रूप से इसे सुबह के नाश्ते का हिस्सा माना जाता है। जलेबी का इतिहास भी काफी पुराना है, और यह भारत के अलावा मध्य एशिया और पश्चिम एशिया में भी प्रसिद्ध है। भारत में इसे खासकर त्योहारों, शादी-ब्याह और अन्य धार्मिक अवसरों पर बनाया जाता है और यह हर खास मौके को मिठास से भर देती है।

जलेबी बनाने की प्रक्रिया बेहद रोचक और थोड़ी समय-साध्य होती है। इसे बनाने के लिए सबसे पहले मैदा का घोल तैयार किया जाता है। इस घोल में थोड़ी खमीर (या कुछ जगहों पर दही या ईनो) मिलाई जाती है, जिससे जलेबी में हल्की फुलावट और कुरकुरापन आता है। यह घोल कुछ समय के लिए रखा जाता है ताकि वह अच्छी तरह खमीर उठ जाए। इसके बाद इसे कपड़े या पाउच में डालकर गरम तेल या घी में गोल-गोल आकार में तला जाता है, जिससे जलेबी का पारंपरिक स्पाइरल आकार बनता है। जलेबी को सुनहरा कुरकुरा होने तक तला जाता है और फिर इसे चाशनी में डुबोया जाता है। चाशनी में डुबाने से जलेबी में एक अनोखी मिठास आ जाती है, जो इसे खास बनाती है। जलेबी की मिठास का राज इसमें डाली गई केसर और इलायची पाउडर में भी होता है, जो इसे सुगंधित और स्वादिष्ट बनाते हैं।

जलेबी को विभिन्न प्रकार से परोसा जाता है। उत्तर भारत में इसे गरमा-गरम दूध के साथ या दही के साथ परोसा जाता है, जो इसके स्वाद को और बढ़ा देता है। इसके अलावा, कुछ जगहों पर इसे खास तरह की नमकीन और फाफड़ा के साथ खाया जाता है। खासकर गुजरात और राजस्थान में फाफड़ा-जलेबी का संयोजन बहुत प्रसिद्ध है। यह संयोजन मिठास और नमकीन के अनोखे मेल का अनुभव कराता है। सुबह के नाश्ते में गरमागरम जलेबी खाने का अपना ही मजा होता है, और लोग इसे बड़े चाव से खाते हैं।

Jalebi ke fayde

ऊर्जा का अच्छा स्रोत: जलेबी में चीनी और आटा होता है, जो तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है। इसे खाने से थकान दूर होती है और शरीर को तुरंत शक्ति मिलती है।

मूड बेहतर बनाती है: जलेबी में चीनी की उच्च मात्रा होती है, जो मूड को बेहतर बनाने और मन को शांत करने में मदद करती है। इसका सेवन तनाव और थकान को दूर करने के लिए किया जा सकता है।

कमजोरी दूर करने में सहायक: जलेबी का सेवन कमजोरी को दूर करने में मदद करता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट की अच्छी मात्रा होती है, जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करती है और शारीरिक कमजोरी को दूर करने में सहायक होती है।

पाचन में सहायक: परंपरागत रूप से, जलेबी को दही या दूध के साथ खाया जाता है, जो पाचन में सहायक होता है। यह पाचन को बेहतर बनाता है और पेट की समस्याओं से राहत दिला सकता है।

सर्दी-खांसी में लाभकारी: सर्दियों में गर्म जलेबी का सेवन गले की खराश और सर्दी-खांसी से राहत दिला सकता है। यह गले को आराम देती है और शरीर को गर्मी प्रदान करती है।

मांसपेशियों के दर्द में राहत: पारंपरिक रूप से, जलेबी का सेवन मांसपेशियों के दर्द को कम करने के लिए किया जाता है, खासकर जब इसे हल्के गर्म दूध के साथ खाया जाता है।

वजन बढ़ाने में सहायक: जलेबी में कैलोरी की मात्रा अधिक होती है, जिससे यह वजन बढ़ाने में मदद कर सकती है। यह पतले व्यक्तियों के लिए एक अच्छा विकल्प है जो स्वस्थ रूप से वजन बढ़ाना चाहते हैं।

मानसिक शांति: जलेबी खाने से दिमाग को सुकून मिलता है और यह मानसिक शांति देने में सहायक होती है। विशेष रूप से त्योहारों और खास अवसरों पर इसे खाने से खुशियों का एहसास होता है।

प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद: जलेबी में मौजूद शुगर और कार्बोहाइड्रेट्स शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। इसका सेवन सीमित मात्रा में करने से शरीर को रोगों से लड़ने की ताकत मिल सकती है।

पारंपरिक इलाज में उपयोगी: भारत में आयुर्वेदिक चिकित्सा में जलेबी का उपयोग पारंपरिक इलाज के लिए किया जाता है, जैसे कि हल्के बुखार या सर्दी में। दूध के साथ इसका सेवन शरीर को गर्मी और आराम प्रदान करता है।

उपकरण चेकलिस्ट | Equipment Checklist

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Jalebi-recipe-

जलेबी रेसिपी| Jalebi recipe in hindi

Dhruti Lunagariya
जलेबी केवल एक मिठाई नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति का हिस्सा है। यह हर उस मौके का प्रतीक बन गई है, जहां खुशी का इजहार मिठास के माध्यम से किया जाता है। दीपावली, होली, दशहरा और रमजान जैसे त्योहारों पर जलेबी का स्वाद सभी को त्योहारों की खुशी से जोड़ता है। इसका कुरकुरापन और मिठास न सिर्फ इसे खास बनाते हैं, बल्कि इसे भारतीय मिठाइयों में एक विशिष्ट स्थान देते हैं। जलेबी की सबसे खास बात यह है कि इसे बनाने में चाहे साधारण सामग्री का उपयोग होता हो, लेकिन इसका स्वाद बेहद लाजवाब और आकर्षक होता है। जलेबी का हर निवाला एक खुशबूदार मिठास का अनुभव कराता है। इसके कुरकुरे और रस भरे स्वाद में हर किसी को बचपन की यादें मिलती हैं, जो भारतीय रसोई की सरलता और मिठास का प्रतीक हैं।
Prep Time 10 minutes
Cook Time 10 minutes
Total Time 20 minutes
Course Snack
Cuisine Indian
Servings 4 people
Calories 310 kcal

Ingredients
  

सामग्री:

  • मैदा – 1 कप
  • दही – 1/2 कप खट्टा दही बेहतर होता है
  • पानी – 1/4 कप घोल के लिए, आवश्यकता अनुसार
  • ईनो या बेकिंग सोडा – 1/4 छोटी चम्मच
  • घी या तेल – तलने के लिए
  • चीनी – 1 कप
  • पानी – 1/2 कप
  • इलायची पाउडर – 1/4 छोटी चम्मच
  • केसर – कुछ धागे वैकल्पिक
  • नींबू का रस – 1/2 छोटी चम्मच चाशनी में जमने से रोकने के लिए

Instructions
 

विधि:

  • एक बड़े बर्तन में मैदा और दही डालें और अच्छी तरह मिलाएं। इसमें थोड़ा-थोड़ा पानी डालते हुए एक गाढ़ा घोल तैयार करें, जिससे जलेबी में सही फुलावट और कुरकुरापन आ सके। घोल को अच्छी तरह से फेंट लें ताकि उसमें गांठ न रह जाए। अब इसमें बेकिंग सोडा या ईनो मिलाएं और हल्के हाथ से मिक्स करें। इसे 8-10 मिनट के लिए ढककर रख दें ताकि थोड़ा खमीर उठ सके।
  • एक पैन में चीनी और पानी डालें और इसे मध्यम आंच पर गरम करें। जब चीनी घुल जाए, तो इसे 5-7 मिनट तक पकाएं ताकि एक तार की चाशनी तैयार हो जाए। चाशनी में इलायची पाउडर, केसर और नींबू का रस डालें ताकि चाशनी जमने न पाए और उसका रंग और खुशबू बढ़ जाए। चाशनी को हल्का गरम ही रखें ताकि जलेबी उसमें अच्छे से डूबे और मिठास सोखे।
  • अब एक गहरे पैन में घी या तेल गरम करें। एक पॉलिथीन बैग, कपड़ा, या केक डेकोरेटिंग बैग लें और उसमें घोल डालें। बैग के कोने पर छोटा सा छेद करें। गरम तेल में धीरे-धीरे गोल-गोल घुमाते हुए जलेबी का आकार बनाएं। इसे मध्यम आंच पर सुनहरा और कुरकुरा होने तक तलें। सभी जलेबियों को इस तरह तलें।
  • तली हुई जलेबियों को तुरंत गरम चाशनी में डालें और कुछ सेकंड के लिए छोड़ दें ताकि वे चाशनी को सोख लें। अब इन्हें चाशनी से निकालें और प्लेट में रखें।
  • गरमा-गरम जलेबियाँ तैयार हैं। इन्हें दूध या दही के साथ परोस सकते हैं, या चाहें तो फाफड़ा के साथ भी परोस सकते हैं।

Video

Notes

  • जलेबी के घोल का गाढ़ापन न अधिक पतला हो और न अधिक गाढ़ा। यह बहने लायक होना चाहिए ताकि पैन में सही आकार ले सके और जलेबी कुरकुरी बने।
  • जलेबियों को तलते समय आंच मध्यम होनी चाहिए। अधिक तेज आंच पर तलने से जलेबी बाहर से कुरकुरी हो जाएगी लेकिन अंदर से कच्ची रह सकती है।
  • जलेबी में मिठास का सही संतुलन पाने के लिए एक तार की चाशनी बनानी चाहिए। अधिक गाढ़ी चाशनी से जलेबी सख्त हो सकती है और पतली चाशनी से जलेबी में मिठास नहीं आएगी।
  • दही या ईनो के इस्तेमाल से जलेबी में हल्की फुलावट आती है। अगर दही खट्टा हो तो स्वाद और बेहतर होगा।
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FAQ

Jalebi क्या है?

जलेबी एक लोकप्रिय भारतीय मिठाई है, जो मैदा (आटा) से बनी होती है और शक्कर की चाशनी में डूबी होती है। इसे कुरकुरा और मीठा बनाया जाता है।

Jalebi को कैसे सर्व किया जाता है?

जलेबी को गर्म या ठंडा दोनों तरह से सर्व किया जा सकता है। इसे दूध, दही, या रबड़ी के साथ खाने का चलन भी है, जो इसके स्वाद को और बढ़ा देता है।

Jalebi कब खानी चाहिए?

जलेबी का सेवन सुबह के नाश्ते में या दोपहर के भोजन के बाद मिठाई के रूप में किया जा सकता है। सर्दियों में इसे गर्म दूध या रबड़ी के साथ खाने का चलन है।

क्या Jalebi वजन बढ़ाने में मदद करती है?

हाँ, जलेबी में कैलोरी और शक्कर की मात्रा अधिक होती है, जो वजन बढ़ाने में सहायक हो सकती है, लेकिन इसे सीमित मात्रा में ही खानी चाहिए।

Jalebi का रंग कैसे आता है?

जलेबी का रंग आमतौर पर केसर, फूड कलर या शुद्ध केसरिया रंग से आता है। पारंपरिक रूप से इसे पीला या नारंगी रंग दिया जाता है।

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Hello friends, my name is Dhruti Lunagariya. I am the author and founder of Through the website Hubrecipes and this website I will share all the information related to the best way to make recipes in limited time and less effort.

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