हेलो दोस्तों स्वागत है हमारी नई पोस्ट में आज की पोस्ट में, मैं आपको बताऊंगा मोहनथाल रेसिपी | Mohanthal Recipe in Hindi कैसे बनाते है और इसे बनाना भी बहुत ही आसान है। यह खाने में भी बहुत स्वादिष्ट है। आज हम आपको यह बताएँगे की मार्केट जैसी Mohanthal banane ki vidhi और इसे बनाने हम किस-किस सामग्री का उपयोग और Mohanthal ke fayde और इसके बारें में भी detail से जानेंगे। यह झटपट बनकर तैयार हो जाता है इसे बारीक कटे प्याज,और टमाटर के साथ बनाया जाता है अगर आप इस रेसिपी को स्टेप बाई स्टेप फॉलो करते हैं तो आप Mohanthal Recipe in Hindi बहुत आसानी से घर पर बना सकते हैं। इस रेसिपी के माध्यम से आप के समय की बचत तो होगी ही साथ ही साथ आपको एक स्वस्थ और पोषक (healthy and nutritious) सब्जी भी खाने को मिलेगी।
Mohanthal का संक्षिप्त परिचय
मोहनथल, एक पारंपरिक भारतीय मिठाई है जो खासतौर पर गुजरात और राजस्थान में लोकप्रिय है। यह मिठाई विशेष अवसरों, त्योहारों और खास समारोहों पर बनाई जाती है और अपने समृद्ध स्वाद और मलाईदार बनावट के लिए जानी जाती है। मोहनथल की तैयारी में मुख्य सामग्री चने का आटा, घी, और चीनी होती है।
इस मिठाई की तैयारी की प्रक्रिया में सबसे पहले चने का आटा घी में अच्छे से सेंका जाता है, जब तक कि इसका रंग सुनहरा न हो जाए और उसमें खुशबू न आ जाए। फिर इसमें गर्म दूध और चीनी मिलाई जाती है और इसे धीमी आंच पर पकाया जाता है। इस मिश्रण को तब तक पकाया जाता है जब तक यह एक गाढ़ा और ठोस पेस्ट न बन जाए। इसके बाद, इस मिश्रण को एक प्लेट में फैलाकर ठंडा किया जाता है और छोटे टुकड़ों में काटा जाता है।
मोहनथल को अक्सर सूखे मेवों जैसे बादाम, काजू, और पिस्ता से सजाया जाता है, जो इसके स्वाद और क्रंच को बढ़ाते हैं। चने के आटे से बनी इस मिठाई का स्वाद मीठा, मलाईदार और समृद्ध होता है, जो किसी भी खास मौके को विशेष बना देता है।
मोहनथल न केवल स्वाद में लाजवाब होता है, बल्कि इसमें प्रोटीन, फाइबर, और अन्य पोषक तत्व भी होते हैं, जो इसे एक पौष्टिक मिठाई बनाते हैं। हालांकि, इसमें उच्च मात्रा में घी और चीनी होती है, इसलिए इसका सेवन संतुलित मात्रा में करना चाहिए, खासकर यदि आप वजन प्रबंधन या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं। फिर भी, मोहनथल की लोकप्रियता और इसकी विशेष मिठास इसे भारतीय मिठाइयों की सूची में एक महत्वपूर्ण स्थान पर रखती है।
Mohanthal ke fayde
मोहनथल, जिसे अक्सर भारतीय मिठाई के रूप में जाना जाता है, आमतौर पर चने के आटे, घी, और चीनी से बनता है। इसके कुछ फायदे निम्नलिखित हो सकते हैं:
- ऊर्जा का स्रोत: मोहनथल में उच्च मात्रा में कार्बोहाइड्रेट्स और कैलोरीज होती हैं, जो ऊर्जा प्रदान करती हैं और शरीर को सक्रिय बनाए रखने में मदद करती हैं।
- प्रोटीन का स्रोत: चने का आटा प्रोटीन से भरपूर होता है, जो मांसपेशियों के विकास और मरम्मत में मदद करता है।
- विटामिन और खनिज: मोहनथल में मौजूद घी और चने के आटे में महत्वपूर्ण विटामिन्स (जैसे कि विटामिन बी और ई) और खनिज (जैसे कि आयरन और कैल्शियम) होते हैं, जो समग्र स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं।
- पाचन में सहायक: चने का आटा फाइबर से भरपूर होता है, जो पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत प्रदान करता है।
- स्वाद और खुशी: मोहनथल एक स्वादिष्ट मिठाई है जो विशेष अवसरों पर खाने से खुशी और संतोष प्रदान करती है।
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Mohanthal banane ki vidhi | मोहनथाल कैसे बनता है
Ingredients
सामग्री:
- बेसन चने का आटा – 1 कप
- घी – 1/2 कप या आवश्यकता अनुसार
- चीनी – 1 कप
- पानी – 1/2 कप
- दूध – 1/2 कप
- इलायची पाउडर – 1/2 चम्मच
- कटे हुए मेवे जैसे बादाम, काजू – 2 टेबलस्पून
- किशमिश – 2 टेबलस्पून
- केसर वैकल्पिक – कुछ स्ट्रैंड
- बेकिंग सोडा – एक चुटकी वैकल्पिक, नरम बनावट के लिए
- नमक – एक चुटकी
Instructions
विधि:
- एक ट्रे या डिश को घी से ग्रीस करें और अलग रख दें।
- एक कढ़ाई में मध्यम आंच पर घी गरम करें।
- उसमें बेसन डालें और लगातार हिलाते हुए भूनें। बेसन को सुनहरा भूरा होने तक भूनें, जब तक कि उसकी खुशबू आने लगे (लगभग 10-15 मिनट)।
- इस दौरान एक और पैन में चीनी और पानी डालें।
- गर्म करें जब तक चीनी पूरी तरह से घुल न जाए और चाशनी एक तार की स्थिरता तक न पहुँच जाए। यदि उपयोग कर रहे हैं तो केसर डालें।
- चाशनी तैयार होने के बाद गैस बंद कर दें।
- जब बेसन अच्छे से भुन जाए, धीरे-धीरे दूध डालें और अच्छे से मिला लें।
- फिर चीनी की चाशनी डालें और लगातार हिलाते रहें ताकि कोई गांठ न बने और सब कुछ अच्छे से मिल जाए।
- इलायची पाउडर और एक चुटकी नमक डालें।
- अच्छे से मिला लें और कुछ मिनट और पकाएं जब तक मिश्रण गाढ़ा न हो जाए और कढ़ाई के किनारे से न छूटने लगे।
- कटे हुए मेवे और किशमिश डालें और अच्छे से मिला लें।
- मिश्रण को ग्रीस की हुई ट्रे में डालें और एक समान फैलाएँ।
- ठंडा होने और सेट होने के लिए छोड़ दें। ठंडा होने पर यह ठोस हो जाएगा।
- पूरी तरह से ठंडा होने के बाद मोहनथाल को टुकड़ों में काटें और सर्व करें।
Video
Notes
- बेसन को अच्छे से भूनना आवश्यक है ताकि कच्चे स्वाद से बचा जा सके। इसका रंग गहरा सुनहरा होना चाहिए और मिश्रण से सुगंध आनी चाहिए।
- चाशनी डालते समय लगातार हिलाते रहने से गांठें नहीं बनती हैं।
- यदि आप नरम टेक्सचर पसंद करते हैं, तो बेसन भूनते समय एक चुटकी बेकिंग सोडा डाल सकते हैं।
- मोहनथाल को पूरी तरह ठंडा होने के बाद ही काटें, ताकि साफ-सुथरे टुकड़े मिल सकें और सही टेक्सचर हो।
FAQ
Mohanthal के लिए बेसन कितनी देर तक भूनना चाहिए?
बेसन को मध्यम आंच पर 10-15 मिनट तक भूनना चाहिए, जब तक कि इसका रंग सुनहरा ब्राउन न हो जाए और एक सुखद सुगंध न आने लगे। बेसन को लगातार हिलाते रहना महत्वपूर्ण है ताकि वह जले नहीं।
Mohanthal को कितने समय में ठंडा करके काट सकते हैं?
मोहनथाल को पूरी तरह ठंडा होने में लगभग 2-3 घंटे लग सकते हैं। इसे ठंडा करने के बाद ही काटें ताकि यह अच्छे से सेट हो जाए और कटने में आसानी हो।
Mohanthal को कैसे स्टोर करें?
मोहनथाल को एक एयरटाइट कंटेनर में रखें और कमरे के तापमान पर स्टोर करें। यह 1-2 सप्ताह तक ताजगी बनाए रखेगा। लंबे समय तक स्टोर करने के लिए, इसे फ्रिज में रख सकते हैं।
Mohanthal का रंग गहरा नहीं हो रहा, क्या करें?
यदि मोहनथाल का रंग गहरा नहीं हो रहा, तो इसका मतलब हो सकता है कि बेसन ठीक से भुना नहीं गया है। बेसन को अच्छे से भूनने पर रंग गहरा और सुगंधित होता है।
Mohanthal में दूध डालने का क्या उद्देश्य है?
दूध डालने से मोहनथाल की बनावट में नरमी और लिक्विड की सही मात्रा मिलती है। यह बेसन के अच्छे से पकने और मिश्रण को सही स्थिरता में आने में मदद करता है।
क्या Mohanthal में अन्य फ्लेवर डाले जा सकते हैं?
हाँ, आप मोहनथाल में अपने पसंदीदा फ्लेवर डाल सकते हैं जैसे इलायची, केसर, या सूखे मेवे। यह मिठाई को अतिरिक्त स्वाद और खुशबू देता है।